हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " बिहरूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیہ السلام
إنَّ المَرءَ يَحتاجُ في مَنزِلِهِ و عِيالِهِ إلى ثَلاثِ خِلالٍ يَتَكَلَّفُها و إن لَم يَكُن في طَبعِهِ ذلكَ : مُعاشَرَةٍ جَميلَةٍ ، و سَعَةٍ بتَقديرٍ و غَيرَةٍ بتَحَصُّنٍ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मर्द को अपने परिवार वालों के लिए तीन काम अंजाम देने चाहिए भले ही वह काम मिजाज़ के खिलाफ ही क्यों ना हो: खुश अख्लाकी, कुदरत की एतबार से सखावत,और ग़ैराते नामुसी
बिहारूल अनवार,63/236/78